From the Desk of Iqbal Memon Officer
मोलाना रूम की एक हिकायत जो मोजूदा हालात पर सादिक आती है आप फरमाते हैं कि।।।
एक आदमी तुफान की वजह से एक पेड़ के नीचे खड़ा था
एक दुसरा आदमी वहां से गुज़रा तो बोला कि भाई साहब जब तुफान आता है तब बिजली अक्सर पेड़ों पर गिरती है इसलिए यहां से हट जाओ
तो वो बोला कि मेरा रब मालिक है
उसके बाद दुसरा आदमी आया उसने भी यहीं नसीहत की तो इसने फिर कहा मेरा रब मालिक है
फिर तीसरा आदमी आया उसने भी नसीहत की इसने फिर वही जवाब दिया
खैर फिर तुफान आया पेड़ पर बिजली गिरी ओर वो मर गया
ये सारा माजरा एक अल्लाह का बन्दा देख रहा था जब बिजली गिरी वो मर गया तो अल्लाह के बन्दे ने कहा कि इस बन्दे को रब पर इतना ईमान था फिर भी खुदा ने उसको बचाया क्युं नही
मोलाना रूम फरमाते हैं वो तीन आदमी भी अल्लाह ही ने भेजे थे कि बच जाओ मगर उसने ना मान कर खुद को तबाह किया
हमें इससे सबक क्या मिला।।
बेशक जिंदगी मोत अल्ल्लाह के हाथ में है
मगर जब कोई मुसीबत आती हैं तो अल्लाह की तरफ से हमें बता दिया जाता है कि एहतियात इख्तयार करो
ना कि अपनी जहालत की वजह से मोत का लुकमा बनो
मेरी सबसे गुजारिश है कि एहतियात बरतें
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